प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना,prandhmantri grib Kalyan yogana,main important points,

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना


मुख्य बिन्दु :-


  •  कोविड -19 से लड़ने वाले प्रत्येक स्वास्थ्य कर्मी को बीमा योजना के तहत ₹ 50 लाख का बीमा कवर प्रदान किया जाएगा . 
  • 80 करोड़ गरीबों को अगले तीन महीने तक हर माह 5 किलो गेहूँ या चावल और पसंद की 1 किलो दालें मुफ्त में मिलेंगी . 
  • 20 करोड़ महिला जन धन खाता धारकों को अगले तीन महीने तक हर माह ₹ 500 मिलेंगे. 
  • मनरेगा के तहत् मजदूरी को ₹ 182 से बढ़ाकर ₹ 202 प्रति दिन कर दिया गया है , 13-62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे . 
  • 3 करोड़ गरीब वरिष्ठ नागरिकों , गरीब विधवाओं और गरीब दिव्यांगजनों को ₹ 1,000 की अनुग्रह राशि दी जाएगी . 
  • सरकार वर्तमान पीएम किसान योजना ' के तहत् अप्रैल 2020 के पहले सप्ताह में किसानों के खाते में ₹ 2,000 डालेगी , 8.7 करोड़ किसान लाभान्वित होंगे . 
  • केंद्र सरकार ने निर्माण श्रमिकों को राहत देने के लिए राज्य सरकारों को भवन और निर्माण श्रमिक कल्याण कोष का उपयोग करने के आदेश दिए ।


केंद्रीय वित्त एवं कॉरपोरेट कार्य मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने ' कोरोना वायरस ' के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद करने के उद्देश्य से 26 मार्च , 2020 को गरीबों के लिए ' प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत ₹ 1-70 लाख करोड़ के राहत पैकेज की घोषणा की . इन उपायों का उद्देश्य निर्धनतम लोगों के हाथों में भोजन एवं पैसा देकर उनकी भरसक मदद करना है , ताकि उन्हें आवश्यक आपूर्ति या वस्तुओं को खरीदने और अपनी अनिवार्य जरूरतों को पूरा करने में कठिनाइयों का सामना न करना पड़े .



प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में निम्नलिखित उपाय शामिल हैं।

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज सरकारी अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों में कोविड -19 से लड़ने वाले स्वास्थ्य कर्मियों के लिए बीमा योजना:-

1. सफाई कर्मचारी , वार्ड - ब्वॉय , नर्स , आशा कार्यकर्ता , सहायक स्वास्थ्य कर्मी ( पैरामेडिक्स ) , टेक्निशियन , डॉक्टर और विशेषज्ञ एवं अन्य स्वास्थ्य कार्यकर्ता एक विशेष बीमा योजना के तहत् बीमा कवर .
2. कोविड -19 मरीजों का इलाज करते समय किसी भी स्वास्थ्य प्रोफेशनल के साथ दुर्घटना होने पर उन्हें योजना के तहत् ₹ 50 लाख का मुआवजा दिया जाएगा .
3. सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों , वेलनेस सेंटरों और केंद्र के साथ - साथ राज्यों के अस्पतालों को भी इस योजना के तहत् कवर किया जाएगा , इस महामारी से लड़ने के लिए लगभग 22 लाख स्वास्थ्य कर्मियों को बीमा कवर प्रदान किया जाएगा .

प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना 


1. भारत सरकार अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) के दौरान इस विपत्ति की वजह से खाद्यान्नों की अनुपलब्धता के कारण किसी को भी , विशेषकर किसी भी गरीब परिवार को कष्ट नहीं होने देगी .
2. 80 करोड़ व्यक्तियों , अर्थात् भारत की लगभग दो - तिहाई आबादी को इस योजना के तहत कवर किया जाएगा .
3. इनमें से प्रत्येक व्यक्ति को अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) के दौरान मौजूदा निर्धारित अनाज के मुकाबले दोगुना अन्न दिया जाएगा . ( पाँच किलोग्राम प्रति यूनिट अतिरिक्त अनाज )
4. यह अतिरिक्त अनाज मुफ्त में मिलेगा .

दाले:-


1. उपर्युक्त सभी व्यक्तियों को प्रोटीन की पर्याप्त उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए , अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई . जून 2020 ) के दौरान क्षेत्रीय प्राथमिकताओं के अनुसार प्रत्येक परिवार को 1 किलो दालें दी जाएंगी .
2. ये दालें ( मुख्य रूप से चना ) भारत सरकार द्वारा मुफ्त में दी जाएंगी .


प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत् 


किसानों को लाभः 

1. 2020-21 में देय ₹ 2,000 की पहली किस्त अप्रैल 2020 में ही पीएम किसान योजना के तहत् खाते में डाल दी गयी .
2. इसमें 7 करोड़ किसानों को कवर किया .


| प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के | तहत् नकद राशि का हस्तांतरण 
गरीबों की मदद : 

1.  कुल 40 करोड़ प्रधानमंत्री जन - धन योजना की महिला खाताधारकों को अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) के दौरान प्रति माह ₹ 500 की अनुग्रह राशि दी गयी . 


गैस सिलेंडर : 

1. पीएम गरीब कल्याण योजना के तहत् अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) में 8 करोड़ गरीब परिवारों को गैस सिलेंडर मुफ्त में दिए गए .


संगठित क्षेत्रों में कम पारिश्रमिक पाने वालों की मददः 


1. 100 से कम कामगारों वाले प्रतिष्ठानों में प्रति माह रे 15,000 से कम पारिश्रमिक पाने वालों को अपना रोजगार खोने का खतरा है .
2. इस पैकेज के तहत सरकार ने अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) के दौरान उनके पीएफ खातों में उनके मासिक पारिश्रमिक का 24 प्रतिशत भुगतान करने का प्रस्ताव किया है .
3. इससे उनके रोजगार में व्यवधान या खतरे को रोका जा सकेगा .


वरिष्ठ नागरिकों ( 60 वर्ष से अधिक ) , विधवाओं और दिव्यांगजनों के लिए सहायता : 


1. ऐसी लगभग 3 करोड़ वृद्ध विधवाएं और दिव्यांग श्रेणी के लोग हैं , जो कोविङ -19 की वजह से उत्पन्न हुए आर्थिक व्यवधान के कारण असुरक्षित हैं .
2. सरकार अगले तीन महीनों ( अप्रैल , मई , जून 2020 ) के दौरान कठिनाइयों से निपटने के लिए उन्हें ₹ 1,000 दिए गए .

मनरेगा :-


1. प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना के तहत् । अप्रैल , 2020 से मनरेगा मजदूरी में ₹ 20 की बढ़ोतरी की जाएगी . मनरेगा के तहत् मजदूरी बढ़ने से प्रत्येक अमिक को सालाना ₹ 2,000 का अतिरिक्त लाभ होगा .
2. इससे लगभग 62 करोड़ परिवार लाभान्वित होंगे .
3. दैनिक मजदूरी दर ₹ 182 से बढ़ाकर ₹ 202 की गयी .
4. मनरेगा के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 के लिए ₹ 40,000 करोड़ का अतिरिक्त आवंटन .


स्वयं सहायता समूह : 


63 लाख स्वयं सहायता समूहों ( एसएचजी ) के माध्यम से संगठित महिलाएं 85 करोड़ परिवारों को आवश्यक सहयोग देती हैं .

ए . जमानत ( कोलैटरल ) मुक्त ऋण देने की सीमा ₹ 10 लाख से बढ़ाकर ₹ 20 लाख की गयी .

पीएम गरीब कल्याण पैकेज के तहत् अन्य उपाय संगठित क्षेत्र : 


कर्मचारी भविष्य निधि नियमनों में संशोधन कर ' महामारी को भी उन कारणों में शामिल किया गया जिसे ध्यान में रखते हुए कर्मचारियों को अपने खातों से कुल राशि के 75 प्रतिशत का गैर - वापसी योग्य अग्रिम या तीन माह का पारिश्रमिक , इनमें से जो भी कम हो , प्राप्त करने की अनुमति दी गयी .
ईपीएफ के तहत् पंजीकृत चार करोड़ कामगारों के परिवार इस सुविधा का लाभ उठा सकते हैं .


भवन और अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण कोष 


 भवन और अन्य निर्माण श्रमिकों के लिए कल्याण कोष ' केंद्र सरकार के एक अधिनियम के तहत् बनाया गया है .

कोष में लगभग 3.5 करोड़ पंजीकृत श्रमिक हैं .

राज्य सरकारों को इस कोष का उपयोग करने के लिए निर्देश दिए गए , ताकि वे इन श्रमिकों को आर्थिक मुश्किलों से बचाने के लिए आवश्यक सहायता और सहयोग प्रदान कर सकें .


जिला खनिज कोष 


राज्य सरकार से जिला खनिज कोष ( डीएमएफ ) के तहत् उपलब्ध धनराशि का उपयोग करने को कहा गया , ताकि कोविड -19 महामारी को फैलने से रोकने के लिए चिकित्सा परीक्षण ( टेस्टिंग ) , स्क्रीनिंग और अन्य आवश्यकताओं की पूरक एवं संवर्धित या बढ़ी हुई सुविधाओं का इंतजाम किया जा सके और इसके साथ ही इस महामारी की चपेट में आए मरीजों का इलाज भी हो सके .


योजना का मूल्यांकन : 


प्रवासी श्रमिकों की अन्तहीन समस्याओं का निदान नहीं प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज 26 मार्च , 2020 को उस समय लागू किया गया . जब भारत में कोविड -19 महामारी अपने प्रारम्भिक दौर में थी तथा देश में 25 मार्च , 2020 से 14 अप्रैल , 2020 तक ( 21 दिनों ) का लॉकडाउन लागू किया गया था . इस दौरान न तो केन्द्र सरकार ने और न राज्य सरकारों ने इस कड़वी सच्चाई का कोई मूल्यांकन नहीं किया कि जब लॉकडाउन से उत्पादक और आर्थिक गतिविधियाँ पूरी तरह से ठप्प हो जाएगी तो उनमें कार्यरत् दैनिक मजदूरी पर कार्य करने वाले , ठेके पर कार्य करने वाले , असंगठित /अन्नौपचारिक क्षेत्र में कार्य करने , रेहड़ी - ठेला वाले , निर्माण कार्य में लगे अमिकों की आय तो शून्य हो जाएगी . उस अवस्था में ये श्रमिक अपना जीवनयापन किस प्रकार करेंगे . हुआ भी यही लॉकडाउन 2.3 एवं 4 में तमिलनाडु , कर्नाटक , महाराष्ट्र , तेलंगाना , गोवा , गुजरात , पंजाब , हरियाणा , जम्मू - कश्मीर , राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र के श्रमिकों के धैर्य का बाँध टूट गया . ऐसा निम्न दो कारणों से हुआ

प्रथम : चैन्नई , बेंगलूरू , कोच्चि , मुम्बई , पुणे , सूरत , इन्दौर , अहमदाबाद , राजकोट , जयपुर , दिल्ली - गुरुग्राम - गाजियाबाद - फरीदाबाद कोविड -19 महामारी के एपीसेन्टर बन गए . इनमें काम करने वाले और रहने वाले श्रमिकों तथा उनके परिवारीजनों में यह आशंका व्याप्त हो गयी कि यदि वे इन शहरों की अस्वास्थ्य कर दशाओं में वहाँ रहे तो वे भी कोविड -19 संक्रमण के शिकार हो जाएंगे . 


द्वितीय : काम - धंधा बन्द हो जाने से उनकी आमदनी शून्य हो गयी इससे उन्हें लगा कि वे भूख से मर जाएंगे . इन्हीं दो आशंकाओं से ग्रसित कामगारों ने अपने गाँवों - कस्बों में वापस लौटने का निर्णय लिया . कुछ तो सैकड़ों किमी पैदल चलकर अपने गाँव पहुँचे , स्थिति भयावह हो जाने पर केन्द्र सरकार ने अमिक स्पेशल रेलगाड़ियाँ चलायीं , राज्य सरकारों ने बसें चलवाई . लेकिन विडम्बना की बात यह रही कि प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना में ऐसे कामगारों के लिए कोई राहत पैकेज नहीं था . मई 2020 तक लाखों श्रमिक गाँवों में वापस लौट चुके हैं . इससे गम्भीर बात और क्या हो सकती है कि सरकारी तंत्र केन्द्र सरकार एवं राज्य सरकार के पास प्रवासी श्रमिकों के सही - सही आँकड़े भी नहीं हैं . अप्रैल - मई 2020 की तपती गर्मी में सड़कों , रेल की पटरियों पर भूखे प्यासे नंगे पाँव चलते हजारों श्रमिकों ने भारत में निर्धनता की कड़वी सच्चाई उजागर कर दी है . प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना कम - से - कम इस वर्ग का हित साधन करने में असफल ही रही है .

Post a Comment

0 Comments